...........................
Kidhar kho gayi hai shakhaye zindagi ki.
Kidhar dastaan kho gaye hai,
Kaliyo si chahkti rahti thi wo.
Muskurahte kahi soo gaye hai
........................
Udd gayi hai, patto ki tarah jo
Raakh wo yaado ki sabbd ho gaye hai.
Pal pal badalti hai duniya is tarah
Aankhe har jagah satbdh ho gaye hai
.................
Phili chadar si ghabrahto me
Patte patte chup kar rahne lage hai
Milti nahi aas zindagi ki aab koi..
To andhero me ummid ki diye bujhne lage hai
.......................................
Thami thami si hawao ke jhulo pe
Bas aab juhle hi akele jhulte hai
Saanato ne jit le hai, jung shayad
Pichli gali me rahne wale kuch log..
Aisa bolte hai...........................................
शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
मंजिलो में चलते चलते कुछ राह बदल जातें हैं शुरुआत कहाँ होती है ये ख्तम कहीं होते है .... अक्सर राहो में चलते चलते हमराह बदल जातें है एक मोड़...
-
Sukun on my voice on youtube: http://youtu.be/TZSV1CnoRkY रात की मिट्टी को उठा कर हाथ से रगड़ रहा था , की शायद उनकी तन्हाई की...
-
किसी के इश्क की इम्तिहा न ले कोई किसी के सब्र की इंतिहा न हो जाए प्यार मर न जाए प्यासा यु ही और आंशुओ के सैलाब में ज़िन्दगी न बह जाये … ...
No comments:
Post a Comment
कुछ कहिये