Wednesday, April 06, 2011

क्रांति का बिगुल !!

ये आंधी जो है चल पड़ी
उसे जगा , तू दम दिखा
बुझा सा जो दिल में है
उसे जगा, तू दम दिखा ||
ये ज़ुल्म न सहेंगे हम
बहुत सितम वो कर चुके
गिरे जो लाल रक्त हैं
उसे जला , तू दम दिखा ||
आज ही वो वक़्त है
बदलना हमको तख़्त है
कदम मिला कदम मिला
तू दम दिखा , तू दम दिखा
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अन्ना तू चिंगारी है
उन काले चेहरों पे भरी है |
भागो ए गद्दारों गद्दी से
आ गए क्रांतिकारी हैं ||
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नक़ाब