शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Thursday, July 12, 2007
Do Pal
दो पल,फिर मिले
फिर मिले न मिले
आ साथ चल ले,अ़ब इस घड़ी
घडिया ये प्यार की
संग चले न चले
..
देखा है बहते हुए
नदियों के धरो को
छोर जाते है अकेला
कभी साथ थे, उस किनारों को
..
दो पल,आ प्यार ले
दो पल, आ जी ले मर ले
क्या ख़बर, कल हो न हो यहाँ
आ बना ले यही, अपना जहा
...
Aadat
आदत ही ऐसी है , की रुक नही पाते एक मोड़ पे
खुश है हम, सारे बंधन तोड़ के
कस्तियो में ही लगती है अच्छी, ज़िन्दगी आपनी
जो रुक जाए किसी के लिए, वो मुसाफिर किस काम के
कस्तियो में ही लगती है, अच्छी ज़िन्दगी आपनी
जो रुक जाए किसी के लिए, वो मुसाफिर किस काम के
हमने तो कह दिया है अलविदा, हर मिलने वालो को
बस छोड़ा है उनके दिलो में, निशा आपने नाम के
हमने तो कह दिया है अलविदा हर मिलने वालो को
बस छोड़ा है उनके दिलो में, निशा आपने नाम के
मिटा न सकेंगे , वो यादें जो दी है
जो भूल जाए हमे, तो वो लम्हे किस काम के
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