बहुत तनहा सा लगता है मुझको ...
अक्सर बहुत याद आती है तेरी ..
चली जो गयी हो मुझे छोर कर ...
तो होटो पे अक्सर बात आती है तेरी
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जब साथ थे तब लड़ते रहें
छोटी बातो में अक्सर जगाड़ते रहें ...
आब ना बाते है ना मुलाकाते ..
बस रह गयी है तनहा गमगीन राते
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हसना मुस्कुराना फिर रूठ जाना ..
याद आता है मुजको तेरा सताना ...
मीठे वो पल थे सिर्फ था मुस्कुराना ..
आब रह गया है बस रोने का बहाना
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एक बार तो आ जाओ
कितनी बातें बतानी है .
कह ना सका साथ रह कर तुम्हारे ..
छुपी मेरे दिल में कुछ अजब दिल की कहानी है ..
शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
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