Thursday, June 10, 2010

कवि के रूप


कभी लगता है की वो
एक शब्दकार है
शब्दों को तराशना उसकी फितरत है
भावनाओ से खेलना उसकी आदत
वो शब्दों का आकार है
हा , शायद वो शब्दकार है ||
कभी लगता है की वो
एक चित्रकार है
लेखनी उसकी तुलिका है और भावनाए उसके रंग
शब्दों से चित्र बनाता हैं
वो चित्रों का संसार है
हा , शायद वो चित्रकार है ||
कभी लगता है की वो
एक कलाकार है
कहानिया उसके मंच हैं और लफ्ज़ उसके नायक
कविताओं से अभिनय करवाता है
वो रंगमंच का सूत्रधार है
हा , शायद वो कलाकार है ||

picture used from http://fineartamerica.com/images-medium/portrait-of-the-crazy-poet-kelly-jade-thomas.jpg

1 comment:

  1. मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !

    ReplyDelete

कुछ कहिये

नक़ाब