Monday, May 31, 2010

खोये रहते हैं (Gazal)

तेरी  आँखों  में  खोये  रहते  हैं


तेरी  आँखों  में  खोये  रहते  हैं


दिन  भर   सोये  सोये  से  रहते  हैं


तेरी  आँखों  में  खोये  रहते  हैं
...


तेरी  जुल्फों  को  हटाने  की  कशिश


तेरी  जुल्फों  को  हटाने  की  कशिश


हम  तो  तेरे  पास  खड़े  रहते  हैं


हम  तो  तेरे  पास  खड़े   रहते  हैं


तेरे  आँखों  में  खोये  रहते  हैं ...१
....


कितनी  गहरी  सी  हैं  आँखे  , उसपे  हिरनी  सी  चमक


कितनी   प्यारी  हैं  ये  बातें , उसपे  सोंधी   सी   महक


हम  तो  पल  भर  भी  नहीं  हटते   हैं


तेरे  आँखों  में  डूबे  रहते  हैं ...१

(Picture used from www.flickr.com)

3 comments:

  1. Anonymous9:53 PM

    गुलाबी अहसासों की महक लिए प्यारी सी रचना

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  2. Anonymous9:57 PM

    "कितनी गहरी सी हैं आँखे, उसपे हिरनी सी चमक
    कितनी प्यारी हैं ये बातें, उसपे सोंधी सी महक"
    पंक्तियाँ विशेष लगीं

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  3. खूबसूरती से काहे हैं एहसास...

    मेरे ब्लॉग पर आने का शुक्रिया

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