आये तुम , आये तुम
आये तुम , ज़िदगी खिल गयी
साथ थे हम , अकेले अकेले
अब जीने की वजह मिल गयी
....
आँखे अच्छी लगती हैं
बाते अच्छी लगती हैं
जो कुछ भी बोलते हो
अमृत सा घोलते हो
तुम आये तो , हर खुशी मिल गयी
तुम आये तो....
......
छोटी सी आँखे प्यारी
तुम हो अब जान हमारी
अक्सर जो हस्ते रहते हो
कितने प्यारे लगते हो
...............
शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Thursday, May 13, 2010
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आज़ाद
नहीं नापता मैं खुद को तेरे पैमाने से .. मेरी तासीर मेल न खायेगी इस ज़माने से ।। अपनी जेब में रख तेरे कायदे कानून .. मैं नहीं टूटने वाला ते...
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I am inclined to post this as i complete around 100 + hours of Vipassana & Anapana meditation . I have also completed 10 days of retre...
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किसी के इश्क की इम्तिहा न ले कोई किसी के सब्र की इंतिहा न हो जाए प्यार मर न जाए प्यासा यु ही और आंशुओ के सैलाब में ज़िन्दगी न बह जाये … ...
beautiful...
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