कभी बना था पैसा लोगो के लिए
आज पैसे के लिए लोग बनते हैं
सुबह शाम भाग रही है दुनिया
हर चेहरा पैसे के ले बदलते हैं
..........
कितना अजीब हैं पैसा
हर पल बसेरा बदल लेता हैं
प्यार इतना फिर भी है, पैसे से
हर कोई खुद को, बदल देता हैं
.....
जानते नहीं हैं ज़िन्दगी की कीमत
हर कीमत वस, पैसा ही बनाती हैं
अपने पराये, अब खून से नहीं
पैसे के वजन से आकी जाती हैं
....
इस अंधेर ज़माने में
पैसा ही चमकता सितारा है
मंजिले मिलेंगी उन्हें , जिन्हें हासिल हैं पैसा
वाकिओ के लिए , भगवान् ही सहारा हैं
..
Picture taken from www.flickr.com
शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Monday, May 24, 2010
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