शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Tuesday, June 30, 2009
रात दीवानी...
रात दीवानी...
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होश में आए नही ये रात
नही आए किसी के लव पे, सुबह की बात
ये बात अधूरी रह न जाए
ये रात अधूरी रह न जाए
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वक्त को भी पिला दो साथिया
ये रात को लम्बी, हो जाने दो
खत्तम न हो अफ़साने दिल के
हर बात को लम्बी हो जाने दो
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अभी तो शुरुर छाया है थोड़ा
थोड़ा और पिला दो प्यालो में
आया जाए हर बात लवो पे
न रह जाए कुछ आज, खयालो में
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छा जाए नशा हवाओं में
हर बूंद को यहाँ, पिलाने दो
हाथो से हाथ बहुत मिलते है
दिल से दिल को आज, मिलाने दो
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राहुल जी आपकी ye rachna रचना यहाँ पर पोस्ट की है मैंने
ReplyDeletehttp://www.sahityapremisangh.com/2011/06/blog-post_18.html