Wednesday, July 08, 2009

इन dino


मंजिलो में चलते चलते
कुछ राह बदल जातें हैं
शुरुआत कहाँ होती है
ये ख्तम कहीं होते है
....
अक्सर राहो में चलते चलते
हमराह बदल जातें है
एक मोड़ में जो मिलते है
एक मोड़ में खो जातें हैं
...
पल दो पल में, अक्सर
तकदीर बदल जाती हैं
दिल में कोई रहता है
पर तस्वीर बदल जाती है
....
हर वक्त बदलते किस्सों में
किरदार बदल जाते हैं
ज़मीं वही होती है
पहरेदार बदल जाते हैं

7 comments:

  1. हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |

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  2. यह सब भी जिन्दगी का एक हिस्सा है, जिसे हमें स्वीकार करना पडता है ।

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  3. बहुत सुंदर रचना

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  4. ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है .

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नक़ाब