Monday, June 15, 2009

Dhime se...



धीमे से , धीमे से

अहिस्ता प्यार होने लगा है..

खुल गया है आसमा,

रंगीन, ये जहा होने लगा है...

धीमे से अहिस्ता,

प्यार होने लगा है.

.......................................................

गूंजता है ये मन

जाने क्या,पूछता है ये मन

गुनगुना रही है बादिया पर,

शांत..खामोश सा मन होने लगा है...

धीमे धीमे से,

अहिस्ता प्यार होने लगा है.

.................................................


No comments:

Post a Comment

कुछ कहिये

नक़ाब