नहीं कह पाता गैरो की जुबा में
अपनी कहानी |
मेरे आँखों को अच्छी लगती है
सिर्फ अपनी भाषा में लिखी
अपनी जुबानी ||
______
प्यार के संवाद तो, दिल से निकलते हैं
उनका अंगेरजी अनुवाद कैसे बनाऊ
मेरा दिल तो हिंदी है
उसपर अंगेरजी की परत कैसे लगाऊ ||
____
दिल की परतो को
जब भी शब्दकार की छुरी से कटा
वो निकली आह , हिंदी ही थी |
लगाया था मरहम जिसने
खुद को खर्च करके
वो हमदर्द, वो दिन भी
हिंदी ही थी ||
____
न जाने कितनो ने दफनाना चाहा
समय की मिटटी में तुम्हे , मुर्दा कह के |
तुम फिर भी रही जिंदा
दिलो में हमारे , हमारी जुवा बन के ||
_____
आज हिंदी दिवस पे
हर कबि का, तुम्हारे लिए पैगाम है |
तुम्हारे संघर्ष को
हम सभी का , सलाम है ||
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अपनी कहानी |
मेरे आँखों को अच्छी लगती है
सिर्फ अपनी भाषा में लिखी
अपनी जुबानी ||
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प्यार के संवाद तो, दिल से निकलते हैं
उनका अंगेरजी अनुवाद कैसे बनाऊ
मेरा दिल तो हिंदी है
उसपर अंगेरजी की परत कैसे लगाऊ ||
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दिल की परतो को
जब भी शब्दकार की छुरी से कटा
वो निकली आह , हिंदी ही थी |
लगाया था मरहम जिसने
खुद को खर्च करके
वो हमदर्द, वो दिन भी
हिंदी ही थी ||
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न जाने कितनो ने दफनाना चाहा
समय की मिटटी में तुम्हे , मुर्दा कह के |
तुम फिर भी रही जिंदा
दिलो में हमारे , हमारी जुवा बन के ||
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आज हिंदी दिवस पे
हर कबि का, तुम्हारे लिए पैगाम है |
तुम्हारे संघर्ष को
हम सभी का , सलाम है ||
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राहुल के तबेले में माल अच्छा है।
ReplyDeleteहिंदी राष्ट्र की बिंदी|
ReplyDeleteभारतवर्ष की पहचान है हिंदी |
ReplyDeleteहिंदी भाषा का गौरव -गान करती हुई सुन्दर रचना .........
ReplyDeleteहिन्दी पर बहुत सुंदर लगी ये कविता ...बधाई एवं शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteअब आगे बढो
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