ये कैसा सरकार ने कदम उठा रखा है
जंग गरीबो पे खतरनाक चला रखा है
गरीबो को हटाना है, उन्ही के देश से
प्याज की बढती कीमत तो एक बहाना है
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दो बूँद पानी की मिल जाए , शुक्र है
हम गरीबो को और, क्या ज्यादा सुख है
लूटने के लिए सारा देश तो दे रखा है
अब क्या हमारी आत्मा से भी बैर निभाना है
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लाल बत्ती के शोर में गुम है इतने
हमारी आँखों से गिरते आँसू की आवाज ,
कहाँ सुन पाएँगे
आतंक से जंग तो जीत नहीं पाए
अब क्या हम गरीबो के सीने पे
बन्दूक चलायेगे ??
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शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Thursday, December 23, 2010
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आज़ाद
नहीं नापता मैं खुद को तेरे पैमाने से .. मेरी तासीर मेल न खायेगी इस ज़माने से ।। अपनी जेब में रख तेरे कायदे कानून .. मैं नहीं टूटने वाला ते...
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I am inclined to post this as i complete around 100 + hours of Vipassana & Anapana meditation . I have also completed 10 days of retre...
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किसी के इश्क की इम्तिहा न ले कोई किसी के सब्र की इंतिहा न हो जाए प्यार मर न जाए प्यासा यु ही और आंशुओ के सैलाब में ज़िन्दगी न बह जाये … ...

... bahut sundar ... prasanshaneey rachanaa !!!
ReplyDeletebahut sunder aur maarmik rachna
ReplyDeleteलूटने के लिए सारा देश तो दे रखा है
ReplyDeleteअब क्या हमारी आत्मा से भी बैर निभाना है
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वो कहेंगे -
एक देश से मेरा क्या होगा ? मेरी आत्मा को तो तभी चैन आएगा जब मैं देश की एक अरब जनता का खून चूस लूँ।
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aam admi ki awaj utha rahi hai aapki janvadi kavita..
ReplyDeletekranti ka avahan...
राहुल जी कविता के भाव बहुत अच्छे हैं आपमे कविता लिखने की सामर्थ्य है लेकिन ये कविता अभी कुछ और काम माँगती है। एक बार दोबारा देखें लाजवाब रचना बन जायेगी। शुभकामनायें , आशीर्वाद।
ReplyDeleteशुक्रिया , आपके समर्थन का ,
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