Thursday, October 09, 2025

दर्द

सब दरवाजे बंद हैं दिलों के
तो आवाजें कौन सुने,
और कौन सुने फरियादें ...
अपने ही मन में दब के
रह गई हैं बातें दिल की
और आंखों में
लंबी बरसाते।।

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