Thursday, October 09, 2025

इश्क

जो रोए न इश्क़ में तो, इश्क़ कैसा
जब तक जान पे न बन आए, तो रिस्क कैसा ।
कफ़न बांध के निकले हैं, तुम्हे पाने के लिए
अब ये सांसें ही बची है , गंवाने के लिए ।।
~राहुल

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