Sunday, February 13, 2011

Ho Jaaye...

2 comments:

  1. सुन्दर पंक्तियाँ ..
    चित्र संयोजन और बढ़िया |

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  2. Beautiful as always.
    It is pleasure reading your poems.

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कुछ कहिये

आज़ाद

नहीं नापता मैं खुद को तेरे पैमाने से .. मेरी तासीर मेल न खायेगी  इस ज़माने से ।। अपनी जेब में रख  तेरे कायदे कानून .. मैं नहीं टूटने वाला ते...