It was such a boring day...Didnt do anything!!! just played with Ms Paint...
शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
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मंजिलो में चलते चलते कुछ राह बदल जातें हैं शुरुआत कहाँ होती है ये ख्तम कहीं होते है .... अक्सर राहो में चलते चलते हमराह बदल जातें है एक मोड़...
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किसी के इश्क की इम्तिहा न ले कोई किसी के सब्र की इंतिहा न हो जाए प्यार मर न जाए प्यासा यु ही और आंशुओ के सैलाब में ज़िन्दगी न बह जाये … ...
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ये गाँधी की टोपी तो मेरे बाप की जागीर है | कौन हो तुम , जो इसे पहन कर मेरे दरवाजे पे चिल्ला रहे हो क्या सोच कर मेरे साम्राज्य की नीब ...
थोड़े से पत्थर, एक कागज़ का हवाई जहाज़, एक चिड़िया....
ReplyDeleteएदा मतबल की है?