Ek Nakaab se mulakaat ho gayi thi
Jaane aanjane do baat ho gayi thi
Chupi chupi si rahti thi khud se
Na jaane kya baat ho gayi hai
…
Muskurati thi kabhi, kisi baat pe
To kisi baat me, nazare mila leti thi
Lab par aate kitni kisso ko
Hoto se kyu wo chupa leti thi
….
Khoyi khoyi rahti kyu wo thi
Kyu rasto pe nazare rakhti thi
Do chaar kadam chal. phir ruk kar kyu
Aksar piche wo dekha karti thi
…
Gum ho gayi dhund me, ek din na jaane
Wo hawa na jaane kaha rahti thi
Do tuk aankhe uski naa jaane
Kiski raahe dekha karti thi.
शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Wednesday, September 13, 2006
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
मंजिलो में चलते चलते कुछ राह बदल जातें हैं शुरुआत कहाँ होती है ये ख्तम कहीं होते है .... अक्सर राहो में चलते चलते हमराह बदल जातें है एक मोड़...
-
Sukun on my voice on youtube: http://youtu.be/TZSV1CnoRkY रात की मिट्टी को उठा कर हाथ से रगड़ रहा था , की शायद उनकी तन्हाई की...
-
किसी के इश्क की इम्तिहा न ले कोई किसी के सब्र की इंतिहा न हो जाए प्यार मर न जाए प्यासा यु ही और आंशुओ के सैलाब में ज़िन्दगी न बह जाये … ...
No comments:
Post a Comment
कुछ कहिये