न जाने कैसी ये
ज़िन्दगी की दौड़ है
हर किसी को , हर किसी से
आगे जाने की होड़ है ।।
यहाँ नहीं सुनता कोई
किसी के दिल की आव़ाज है
यहाँ तो हर एक रिश्ता
बस , शतरंज पे बिछी बिसात है।।
सब के चेहरों पे
कोई दूसरी तस्वीर है
हर कोई दुसरे के गम में
खोज रहा अपनी तक़दीर है ।।
यहाँ पे दुश्मनों से ज्यादा
अपनों से खाए सितम हैं
हर मुस्कुराते चहरे के पीछे
छुपे सैकोड़ो दिल के जख्म हैं ।।
ए खुदा क्या यही दुनिया बनाई थी तुमने ?
ज़हाँ सच्चाई ज़िन्दगी का कफ़न है
जीता है रावन हर एक लडाई यहाँ
अधर्म की मिट्टी में न जाने
कितने सत्य दफ़न है ।।
खोजता हूँ मैं तुमको
हर वक़्त हर लम्हा
ए खुदा तुम बताओ
तुम हो कहाँ , तुम हो कहाँ ।।
अनसुनी हर फरियाद
तेरे दर से लौट आई है
रव मेरे , ये बता मुझे
आखिर क्यों तूने , ये दुनिया बनायीं है।।
ज़िन्दगी की दौड़ है
हर किसी को , हर किसी से
आगे जाने की होड़ है ।।
यहाँ नहीं सुनता कोई
किसी के दिल की आव़ाज है
यहाँ तो हर एक रिश्ता
बस , शतरंज पे बिछी बिसात है।।
सब के चेहरों पे
कोई दूसरी तस्वीर है
हर कोई दुसरे के गम में
खोज रहा अपनी तक़दीर है ।।
यहाँ पे दुश्मनों से ज्यादा
अपनों से खाए सितम हैं
हर मुस्कुराते चहरे के पीछे
छुपे सैकोड़ो दिल के जख्म हैं ।।
ए खुदा क्या यही दुनिया बनाई थी तुमने ?
ज़हाँ सच्चाई ज़िन्दगी का कफ़न है
जीता है रावन हर एक लडाई यहाँ
अधर्म की मिट्टी में न जाने
कितने सत्य दफ़न है ।।
खोजता हूँ मैं तुमको
हर वक़्त हर लम्हा
ए खुदा तुम बताओ
तुम हो कहाँ , तुम हो कहाँ ।।
अनसुनी हर फरियाद
तेरे दर से लौट आई है
रव मेरे , ये बता मुझे
आखिर क्यों तूने , ये दुनिया बनायीं है।।
सार्थक और बहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeletebahut khoobsurat likha hai.........Rahul ji
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