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कुछ न कहती थी , जब भी मिलती थी
बस , आँखों से बाते करती थी वो
मैं पूंछता , कुछ लवो से भी कह दो ।
वो देखती मेरी आँखों में , और कहती
बहुत शोर है इस दुनिया में
कही मेरे शब्द, खो न जाए
इसलिए आँखों से ही कह देती हूँ
तुम तो देख लेते हो, मेरी आखो से, दिल में
फिर मेरी लवो की जरुरत क्या हैं
सब जानते हो हाले-दिल मेरा
इससे ज्यादा हकीकत क्या हैं ?
मैं हँसता , और सोचता
सच ही तो कहती हैं वो
इतनी चाहत करता हूँ उनसे
की कुछ बोले बिना ही
हर बात बयाँ हो जाती हैं
फिर क्यों राज़ दिल के खोले इन हवाओ से
न जाने कौन दिशा , जो हर बात उड़ा ले जाती है ।।
कभी थम लेती मेरी हाथो को
पास आ के कहती , कितनी प्यार करते हो मुझसे ?
मैं मुस्कुराता और कहता ,
कैसे नापू , उन गहरइयो को
जिसे मैं खुद ही न जान पाया हूँ
नहीं तुम बिन , कोई वजूद हैं मेरा
खुद को तुमसे अलग, न मान पाया हूँ ।।
ऐसी हो बातो में, दिन रात गुजर जाते
और हम खोये रहते एक दुसरे में ।
आज भी दिल में वही आलम हैं
और सिलसिला प्यार का,
दिल में, आज भी कायम हैं ।।।
कुछ न कहती थी , जब भी मिलती थी
बस , आँखों से बाते करती थी वो
मैं पूंछता , कुछ लवो से भी कह दो ।
वो देखती मेरी आँखों में , और कहती
बहुत शोर है इस दुनिया में
कही मेरे शब्द, खो न जाए
इसलिए आँखों से ही कह देती हूँ
तुम तो देख लेते हो, मेरी आखो से, दिल में
फिर मेरी लवो की जरुरत क्या हैं
सब जानते हो हाले-दिल मेरा
इससे ज्यादा हकीकत क्या हैं ?
मैं हँसता , और सोचता
सच ही तो कहती हैं वो
इतनी चाहत करता हूँ उनसे
की कुछ बोले बिना ही
हर बात बयाँ हो जाती हैं
फिर क्यों राज़ दिल के खोले इन हवाओ से
न जाने कौन दिशा , जो हर बात उड़ा ले जाती है ।।
कभी थम लेती मेरी हाथो को
पास आ के कहती , कितनी प्यार करते हो मुझसे ?
मैं मुस्कुराता और कहता ,
कैसे नापू , उन गहरइयो को
जिसे मैं खुद ही न जान पाया हूँ
नहीं तुम बिन , कोई वजूद हैं मेरा
खुद को तुमसे अलग, न मान पाया हूँ ।।
ऐसी हो बातो में, दिन रात गुजर जाते
और हम खोये रहते एक दुसरे में ।
आज भी दिल में वही आलम हैं
और सिलसिला प्यार का,
दिल में, आज भी कायम हैं ।।।
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