Random thoughts ...
क्यू गुमसुम सी रहती हो ,
हवाओं की तरह ,
लहराओ न कभी ।
उङ जाती हो पलक क्षपकते ही ,
साथ आओ न कभी ।।
कुछ लम्हों की दास्तान ही सही बुनने के लिए , कुछ बूनो तो सही ।
गाढ़ गाढ़ एक लकीर तो बन ही जाएगी।।
*****
हर दिन तराशता हूँ खुद को जिंदगी के लिए ।।
फिर भी रह जाते हैं शायद चुभने वाले किनारे ।।
बदल गयी है खुद की परछाई भी इसी जद्दोजहद में ।।
शिकायते वयां फिर भी है की हुजूर गूफतगू नहीं करते ।।
******
क्यू गुमसुम सी रहती हो ,
हवाओं की तरह ,
लहराओ न कभी ।
उङ जाती हो पलक क्षपकते ही ,
साथ आओ न कभी ।।
कुछ लम्हों की दास्तान ही सही बुनने के लिए , कुछ बूनो तो सही ।
गाढ़ गाढ़ एक लकीर तो बन ही जाएगी।।
*****
हर दिन तराशता हूँ खुद को जिंदगी के लिए ।।
फिर भी रह जाते हैं शायद चुभने वाले किनारे ।।
बदल गयी है खुद की परछाई भी इसी जद्दोजहद में ।।
शिकायते वयां फिर भी है की हुजूर गूफतगू नहीं करते ।।
******
यादों की खुबसूरत नज्म दिल में घर कर गई
ReplyDeleteदीपोत्सव की अनंत मंगलकामनाएं !!
ReplyDeleteSarkari Exam
ReplyDeleteSarkari Exam
Sarkari Exam
Sarkari Exam
Sarkari Exam
Sarkari Exam
Sarkari Exam
आप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
ReplyDeleteआप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
ReplyDelete