(मेरा नया गाना ज़िन्दगी से कुछ मांगते हुए किरदार के बारे में है !! मैं ज़ल्द ही इसे you Tube पर अपने आवाज में upload करूँगा )
मैं जीना चाहता हूँ , अपना ले ज़िन्दगी
कुछ उड़ना चाहता हूँ , पंख लगा दे ज़िन्दगी
बीते हैं पल जो प्यार के , उसे ला दे ज़िन्दगीबतला दे.... ज़िन्दगी …..हे ये हे ये हे हे , हे हे हे हे
…
कुछ कशमकश सी है , सुलझा दे ज़िन्दगी
गहरे अंधेरो में , कुछ जला दे ज़िन्दगी
हूँ रौशनी से रूबरू , मिला दे ज़िन्दगी बतला दे.... ज़िन्दगी , .... हे ये हे ये हे हे , हे हे हे हे
….
कुछ गाना चाहता हूँ , गुनगुना ले ज़िन्दगी
बिखरे है सुर जो सारे , साथ ला दे ज़िन्दगी
अहसान तेरा बहुत होगा , दिल लगा दे ज़िन्दगी
बतला दे....... ज़िन्दगी , .... हे ये हे ये हे हे , हे हे हे हे
…
कुछ कसूर मुझपे हैं , ना सज़ा दे ज़िन्दगी
पा लूँ मंजिले मै , कुछ दिखा दे ज़िन्दगी
भटका हूँ मै बहुत , अब बसा दे ज़िन्दगी
मुझे बचा ले .... ज़िन्दगी . ..... हे ये हे ये हे हे , हे हे हे हे
हु उ हु हु हु ... हु उ हु हु .... ला ला ... ला ला ला ....ला ला ....ला ला ||
हर शब्द बहुत कुछ कहता हुआ, बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिये बधाई के साथ शुभकामनायें ।
ReplyDeleteकुछ व्यक्तिगत कारणों से पिछले 15 दिनों से ब्लॉग से दूर था
ReplyDeleteइसी कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका !
राहुल जी आपकी EK PURAANI RACHNA रचना यहाँ पर पोस्ट की है मैंने
ReplyDeletehttp://www.sahityapremisangh.com/2011/06/blog-post_18.html
सीधे सच्चे और बहुत अच्छे भाव - हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteकरीब १५ दिनों से अस्वस्थता के कारण ब्लॉगजगत से दूर हूँ
ReplyDeletehttp://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post.html
सुन्दर रचना , सार्थक प्रस्तुति , आभार
ReplyDeleteरक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं .