महीनो हो गए हैं तुम्हे गए
पर तुम्हारे दर्द अभी भी करीब हैं
आंसुओ पर ही कटते हैं रात दिन अब तक
इश्क में इस कदर रोये. ..कितने बदनसीब हैं
.....
हवाओं से प्यास गयी नहीं है दूर
मेरे आशुओ को ही पीती रहती हैं अब तक
मौसम बदल गए हैं, कितने फिर भी
मंजर यहाँ के फीकी रहती हैं हर दम
....
तेरी तस्वीरे दिल से मिटा पाए है नहीं
भले ही कहानिया दिल की बदल डाली हैं
कितने रंग भरते रहते हैं फिर भी
चहरे का रंग आब तक खाली है
....
अभी भी दिल में तुम ही रहती हो
हा इनके दरवाजो पे नाम बदल गए हैं
हस्ते हैं इन नादानियो पे आपने हम
की चोट खा कर दीवाने कहा ...
सम्हाल गए हैं
शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आज़ाद
नहीं नापता मैं खुद को तेरे पैमाने से .. मेरी तासीर मेल न खायेगी इस ज़माने से ।। अपनी जेब में रख तेरे कायदे कानून .. मैं नहीं टूटने वाला ते...
-
I am inclined to post this as i complete around 100 + hours of Vipassana & Anapana meditation . I have also completed 10 days of retre...
-
किसी के इश्क की इम्तिहा न ले कोई किसी के सब्र की इंतिहा न हो जाए प्यार मर न जाए प्यासा यु ही और आंशुओ के सैलाब में ज़िन्दगी न बह जाये … ...
No comments:
Post a Comment
कुछ कहिये