Kichte hai sab aapni dagar
Sab har hisse ko pana chahte hai
Bat gaya hu sabki sunte sunte
Kyu log hamesha apni sunana chahte hai
......
Kyo nahi chor dete akela
mujheKyu itnana beabs bana diya hai
Kon si gunaaho ke saja thi ae rab
Ki mujhe aapne insaa bana diya hai
....
Latpath jakhm mere,
bas mujhe hi kyu dikhte hai
raah me pade kaate
kyu mujhe hi chubte hai
...............
Nafrat si hoti hai aaino se
Bewafa aapni surat dekh nahi paate hai
Kyu kar diya hai ghayal usko ko aapni tarah
Appne is pahlu ko soch nahi paate
............
शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Sunday, February 12, 2006
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