शब्दों की गहराई अचूक है !! जब साथ हो जाती है तो नयी दुनिया बना लेती है !! मैं इन्ही शब्दों का शब्दकार हु , शब्दों से खेलना मेरी आदत , शब्दों में जीना मेरी हसरत !! जुडये मेरे साथ , कुछ सुनिए कुछ सुनाइए , एक दुसरे का हौसला बढाइये||
Monday, July 11, 2005
अँधेरा
हार गए है तुम्हे , जो ज़िन्दगी में
क्या दाव पे लगाये अब
कुछ समझ आता नहीं है , दिल
तुफानो को झेल जाते थे पहले
अब एक हवा के सामने भी
सम्हाल पाता नहीं है दिल
...
पा ना सके तुम्हे इसका गम इतना है
की कुछ और पाने की तमन्ना
खयालो में ही दम तोड़ देती है
खाली हाथ जो लौटे है चाहत की राहों से
इसलिए फिर से चलने की हिम्मत
अंधेरो की चादर ओड लेती है
...
नफरत किससे करे , ये कसमकस इतनी हैं
की गुनाहगार कभी तुम्हे
कभी खुद को बना लेते हैं
साजाये तुम्हे दे पते नहीं
इसलिए काटो के रास्तो में ये कदम
हम खुद ही बढ़ा लेते हैं
.....
की ये आसमा भी तुम्हे कही देख रहा होगा
इसलिए घंटे तकते रहते हैं आसमानों को
आते जाते हर लोग दीवाना कहते हैं मुझको
कैसे बताये उन्हें
क्या कहते है तुम्हे देखने के इस बहाने को
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