आगे.....
बढ़ना ....
चाहता हूँ ....
कुछ कर....
गुजरना ....
चाहता हूँ ...
__________________
अभी हूँ ,......
मैं ज़मी पे ........
आसमा से आगे निकलना
चाहता हूँ .....
कुछ कर
गुजरना चाहता हूँ ...
__________________
हैं मचल रहा ।
कुछ जल रहा ।।
सिने में है,
कुछ गल रहा ।।
मैं उतर दूँ , कुछ बोझ सा ।
हैं कौन अब , मुझे रोकता ।।
सारे बंधन तोड़ना
चाहता हूँ
कुछ कर गुज़रना चाहता हूँ ।।
__________________
उम्मीद का ...
हैं एक दिया
जल रहा , जी जान से ।
है पुकारता ये, वतन मेरा
की लौटना तू , शान से ।
अब देश ये .....
बस दिल में हैं ।
अब रौशनी
मंजिल पे हैं ।।
बस थम के.....
अब जीत को ............
आगे निकलना ..
चाहता हूँ
कुछ कर गुजरना चाहता हूँ ।।
आगे.....
बढ़ना ....
चाहता हूँ ....
मेरे बतन ..मेरे बतन ...
...
.....
बढ़ना ....
चाहता हूँ ....
कुछ कर....
गुजरना ....
चाहता हूँ ...
__________________
अभी हूँ ,......
मैं ज़मी पे ........
आसमा से आगे निकलना
चाहता हूँ .....
कुछ कर
गुजरना चाहता हूँ ...
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हैं मचल रहा ।
कुछ जल रहा ।।
सिने में है,
कुछ गल रहा ।।
मैं उतर दूँ , कुछ बोझ सा ।
हैं कौन अब , मुझे रोकता ।।
सारे बंधन तोड़ना
चाहता हूँ
कुछ कर गुज़रना चाहता हूँ ।।
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उम्मीद का ...
हैं एक दिया
जल रहा , जी जान से ।
है पुकारता ये, वतन मेरा
की लौटना तू , शान से ।
अब देश ये .....
बस दिल में हैं ।
अब रौशनी
मंजिल पे हैं ।।
बस थम के.....
अब जीत को ............
आगे निकलना ..
चाहता हूँ
कुछ कर गुजरना चाहता हूँ ।।
आगे.....
बढ़ना ....
चाहता हूँ ....
मेरे बतन ..मेरे बतन ...
...
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