
मंजिलो में चलते चलते
कुछ राह बदल जातें हैं
शुरुआत कहाँ होती है
ये ख्तम कहीं होते है
....
अक्सर राहो में चलते चलते
हमराह बदल जातें है
एक मोड़ में जो मिलते है
एक मोड़ में खो जातें हैं
...
पल दो पल में, अक्सर
तकदीर बदल जाती हैं
दिल में कोई रहता है
पर तस्वीर बदल जाती है
....
हर वक्त बदलते किस्सों में
किरदार बदल जाते हैं
ज़मीं वही होती है
पहरेदार बदल जाते हैं
bahut umda !
ReplyDeletegood ji good.narayan narayan
ReplyDeleteहिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
ReplyDeleteयह सब भी जिन्दगी का एक हिस्सा है, जिसे हमें स्वीकार करना पडता है ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबेहतर शुरूआत....
ReplyDeleteग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है .
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